by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्यशायरी, व्हाट्सप्प स्टेटस, शर्म शायरी, शायरी, हिंदी शायरी - November 8, 2016 जान जब प्यारी थी जान जब प्यारी थी…… तब दुश्मन हज़ार थे। अब मरने का शौक है….. तो कातिल नहीं मिलते ।