कौन शरमा रहा है ‘आज’ यूँ हमें फ़ुर्सत में याद कर के………
हिचकियाँ आना तो चाह रही हैं, पर हिच-किचा रही हैं….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कौन शरमा रहा है ‘आज’ यूँ हमें फ़ुर्सत में याद कर के………
हिचकियाँ आना तो चाह रही हैं, पर हिच-किचा रही हैं….