by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Shayari, Shayri, प्यारी शायरी, वक़्त शायरी, वक्त-शायरी, व्यंग्य शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - August 24, 2016 एक ख्वाब ही था एक ख्वाब ही था जिसने साथ ना छोड़ा … हकीकत तो बदलती रही हालात के साथ…..