राज ए उल्फत का तजूरबा तो हो
तेरा दिल मुझपे आशियाना तो हो
चांद निकलेगा रोज मेरे
घर में हुस्न जैसा कोई आईना तो हो |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
राज ए उल्फत का तजूरबा तो हो
तेरा दिल मुझपे आशियाना तो हो
चांद निकलेगा रोज मेरे
घर में हुस्न जैसा कोई आईना तो हो |