रहते थे कभी जिनके दिल में,
हम जान से भी प्यारों की तरह
बैठे हैं उन्हीं के कूंचे में हम,
आज गुनहगारों की तरह|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
रहते थे कभी जिनके दिल में,
हम जान से भी प्यारों की तरह
बैठे हैं उन्हीं के कूंचे में हम,
आज गुनहगारों की तरह|