ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना !
बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ये बात और है के तक़दीर लिपट के रोई वरना !
बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे !!