हजार के नोटों से तो बस अब जरूरत पूरी होती है…
मजा तो ” माँ ” से मांगे एक रूपये के सिक्के में था।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
हजार के नोटों से तो बस अब जरूरत पूरी होती है…
मजा तो ” माँ ” से मांगे एक रूपये के सिक्के में था।