जिसे शिद्दत से

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है,

बस मुद्दतों से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला!

उस तीर से

उस तीर से क्या शिकवा, जो सीने में चुभ गया,

लोग इधर हंसते हंसते, नज़रों से वार करते हैं।