मैं भी कभी हँसता खेलता था, कल एक पुरानी तस्वीर में देखा था खुद को……..
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अब कोई शनासा भी दिखाई नहीं
अब कोई शनासा भी दिखाई नहीं देता बरसों मैं इसी शहर का महबूब रहा हूँ
गीली लकड़ी सा इश्क
गीली लकड़ी सा इश्क उन्होंने सुलगाया है…. ना पूरा जल पाया कभी, ना बुझ पाया है….
किसी को कुछ देने की इच्छा
किसी को कुछ देने की इच्छा हो तो आत्म-विश्वास जगाने वाला प्रोत्साहन सर्वोत्तम उपहार के रूप में दे|
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है
उंगलिया आज भी इस सोच में गुम है , उसने कैसे नए हाथ को थामा होगा.
सच कहा था किसी ने
सच कहा था किसी ने तन्हाई में जीना सीख लो ;मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है.
उसकी दर्द भरी आँखों ने
उसकी दर्द भरी आँखों ने, जिस जगह कहा था अलविदा,आज भी वही खड़ा है दिल, उसके आने के इंतज़ार में.
ये इश्क़ भी बड़ी ना मुराद चीज़ है
ये इश्क़ भी बड़ी ना मुराद चीज़ है., उसी से होता है जो किसी और का होता है
बरबाद कर देती है मोहब्बत
बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को ,क्योंकि इश्क हार नहीं मानता और दिल बात नहीं मानता .
तुम्हें कितनी मोहब्बत है
तुम्हें कितनी मोहब्बत है, मुझे मालूम नहीं मगर, मुझे आज भी लोग, तेरी क़सम दे कर मनवा लेते है