हक़ हूँ में

हक़ हूँ में तेरा हक़ जताया कर, यूँ खफा होकर ना सताया कर..

बेहिसाब झूठ कहा

बेहिसाब झूठ कहा तो खुदा मान बैठे.. जरा सा सच बोल दिया बुरा मान बैठे…

कोई ख़ुशबू नहीं

कोई ख़ुशबू नहीं, साया नहीं, यादें नहीं पीछे, मगर आहट किसी की है…कि मुड़कर देख लेता हूं…!!

जिस रिश्ते को बनाए

जिस रिश्ते को बनाए रखने की चाहत दोनो तरफ़ से एक जैसी ना हो ,उसका टूट जाना बेहतर है ….!!

जब भी जिंदगी रुलाये

जब भी जिंदगी रुलाये समझना गुनाह माफ़ हो गये, और जब भी जिंदगी हँसाये समझना दुआ कुबूल हो गयी !!

अपनी पीठ से निकले

अपनी पीठ से निकले खंजरों को गिना जब मैंने,, ठीक उतने ही थे जितनों को गले लगाया था मैंने

हमने सोचा था

हमने सोचा था दो चार दिन की बात होगी पर तेरी यादों से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया…

तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..

तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..दरीचे कितने रास्ते हे तुम आओ तो सही

कौन कहता है

कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है देख जा… Continue reading कौन कहता है

सुना है इस खेल में

सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं, इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…

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