वजह नफरतों की

वजह नफरतों की तलाशी जाती हैं, मोहब्बतें तो बिन वजह ही हो जाया करती हैं.

ये कच्चे रिश्ते

मुझे तेरे ये कच्चे रिश्ते जरा भी पसंद नहीं आते या तो लोहे की तरह जोड़ दे या फिर धागे की तरह तोड़ दे .!

अजीब सी ख्वाहिश

अब की बार एक अजीब सी ख्वाहिश जगी है….. कोई मुझे टूट कर चाहे और मै बेवफा निकलू…

बरसों गुज़र गये

बरसों गुज़र गये , रो कर नही देखा, आँखों में नींद थी,सो कर नही देखा,, वो क्या जाने दर्द मोहब्बत का, जिसने किसी को खो कर नही देखा

देखी जो नब्ज़

देखी जो नब्ज़ मेरी तो हसकर बोला हकीम…. जा दीदार कर उसका जो तेरे हर मर्ज़ की दवा है..

हमेशा नहीं रहते

हमेशा नहीं रहते सभी चेहरे नकाबो में ….!!! हर एक किरदार खुलता है कहानी ख़तम होने पर….!!””

नए कमरों में

नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है

उन चराग़ों में तेल

उन चराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे

कोशिश करते तो

खता इतनी थी कि उनको पाने की कोशिश की,,, अगर छिनने की कोशिश करते तो बेशक वो हमारे होते..

तेरी तो फितरत थी

तेरी तो फितरत थी सबसे बात करने कि,और हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे…

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