जब से जुदा हुये है

जब से जुदा हुये है उनसे हम । दिल ने हमारा धड़कना छोड़ दिया ।। दीवाने कुछ ऐसे थे उनके प्यार में की । उनके जाने के बाद होटों ने मुस्कुराना छोड़ दिया ।

खामोश बैठे हैं

खामोश बैठे हैं तो लोग कहते हैं उदासी अच्छी नहीं; और ज़रा सा हंस लें तो लोग मुस्कुराने की वजह पूछ लेते है…

ख़ुशीयो का दौर भी

ख़ुशीयो का दौर भी आ जाएगा एक दिन, ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर ……

इंसान हम पेचीदा ही सही

इंसान हम पेचीदा ही सही, शख्सियत हमारी संजीदा है।

मैं बदलते हुए हालात में

मैं बदलते हुए हालात में ढल जाता हूँ देखने वाले अदाकार समझते हैं मुझे|

लिखने को लिख रहे हैं

लिखने को लिख रहे हैं हम ग़ज़ब की शायरीयाँ पर लिखी न जा सकी कभी अपनी ही दास्ताँ………

शाख से फूल तोड़कर

शाख से फूल तोड़कर मैंने ,सीखा अच्छा होना गुनाह है ,इस जहाँ में |

न जाने कैसी नज़र लगी है

न जाने कैसी नज़र लगी है ज़माने की, अब वजह नहीं मिलती मुस्कुराने की !

छोड़ दिया है

छोड़ दिया है हमने..तेरे ख्यालों में जीना, . अब हम लोगों से नहीं..लोग हमसे इश्क करते हैं |

सपने भी डरने लगे है

सपने भी डरने लगे है तेरी बेवफाई से, कहते है वो आते तो है मगर किसी और के साथ !!

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