याद आते हो

मोहब्बत में हिसाब ओ किताब कौन करे, .. तुम याद आते हो और बेहिसाब आते हो ।

तेरा प्यार पाने तक

मेरी चाहत सिर्फ तेरा प्यार पाने तक नहीं..!! मेरी ख्वाहिश तेरे साथ जन्नत जाने की है

पसन्द किया जाता

पसन्द करके प्यार नही किया जाता है …? ?प्यार करके पसन्द किया जाता

जिंदगी चाहिए

पता है … लाश पानी में क्यों तैरती हैं …?? क्योंकि डुबने के लिए जिंदगी चाहिए

बिकती नहीं शराब

साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब.. और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती.. .!”

ये क्यों कहे

ये क्यों कहे दिन आजकल अपने खराब हैं, काटों से घिर गये हैं, समझ लो गुलाब हैं।

उनको भी है

ग़ुरूर उनको भी है, ग़ुरूर हमको भी.. बस इसी जंग को जीतने में हम दोनों हार गये..

अपने ही अपनों

अपने ही अपनों से करते है अपनेपन की अभिलाषा… पर अपनों ने ही बदल रखी है, अपनेपन की परिभाषा !!

ज़िंदगी जीने की

बे वजह ही सही, … पर ज़िंदगी जीने की एक वजह हो तुम !!

कर रहा हूँ

कर रहा हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ…. की मंजिल भी मिलेगी … सब आज़माइशों के बाद…

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