सोचते रहे ये रातभर

सोचते रहे ये रातभर. हम करवट बदल बदलकर… . जानें क्या बात है तुम में दिल कहीं और लगता ही नहीं…

धीरे-धीरे ही सही

धीरे-धीरे ही सही, उन्हे भी आ गया तज़ुर्बा भूलने का; काश हमे भी यूँ, भूलने का करिश्मा आ जाए….. !!

पहचान की नुमाईश

पहचान की नुमाईश जरा कम करो यारों जहाँ भी “मैं” लिखा है उसे “हम” करो यारों…..

तुम आते थे

तुम आते थे बहार आती थी एक एक लम्हा महका जाती थी अब तुम जो नही हो तुम्हारी यादें आती हैं दिल के ज़ख़्मों को कुरेद जाती हैं|

ठंडी रोटी अक्सर

ठंडी रोटी अक्सर उनके ही नसीब में होती है जो अपनों के लिए कमाई करके देर से घर लौटते हैं..

तूफान भी हार जाते है

वहाँ तूफान भी हार जाते है… जहाँ कश्तियाँ ज़िद पे होती हैँ…

ये उड़ती ज़ुल्फें

ये उड़ती ज़ुल्फें,ये बिखरी मुस्कान, एक अदा से संभलूँ,तो दूसरी होश उड़ा देती है..!!

नज़दीक ही रहता है

नज़दीक ही रहता है वो पर मिलने नही आता.. पुछो तो मुस्करा के कहता है.. तुम से तो मुहोब्बत है.. तुम से क्या मिलना..

पैरों में तजुर्बों के निशानात

पैरों में तजुर्बों के निशानात पड़ गए… वो ठोकरें लगी हैं के पत्थर उखड़ गए…

समझदार हो गए है

लोग अब समझदार हो गए है…. हैसियत देख कर साथ निभाते है।

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