अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो

अभी सूरज नही डुबा जरा सी शाम होने दो मैँ खुद लौट जाऊँगा मुझे नाकाम तो होने दो मुझे बदनाम करने का बहाना ढुँढता है जमाना मैँ खुद हो जाऊँगा बदनाम पहले नाम तो होने दो

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती

मोहब्बत यूँ ही किसी से हुआ नहीं करती, अपना वजूद भूलाना पडता है,किसी को अपना बनाने के लिए.

औकात क्या है तेरी

औकात क्या है तेरी, “ए जिँदगी” चार दिन कि मुहोब्बत तुझे तबाह कर देती है…..iii

हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है

हम भी फूलों की तरह कितने बेबस है, कभी खुद टूट जाते हैं तो कभी लोग तोड ले जाते हैं…!!!

तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज

तोङ दिए मैने अपने घर के सारे आइने आज….. . प्यार मेँ ठुकराए लोग मुझसे देखे नहीँ जाते…..

आज हम अकेले है तेरे बगैर

आज हम अकेले है तेरे बगैर दिल बे – करार है आज तेरे बगैर वक्त नहीं रुकता कभी किसी के लिए पर धड़कने रुक जायेगी आज तेरे बगैर …

खौफ अब खत्म हुआ

खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का, अपनी तन्हाई में हम, अब मशरूफ बहुत रहते हैं..

अंदर ही अंदर टूट जाते है घर

अंदर ही अंदर टूट जाते है घर, मकान खड़े के खड़े रह जाते है बेशर्मों की तरह…!!!

इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है

इक मुद्दत से किसी ने दस्तक नहीं दी है । मैं उसके शहर में बंद मकान की तरह हूँ ।।

अगर मुझ से नफरत ही करनी है तो ऐसी दुआ कर

अगर मुझ से नफरत ही करनी है तो ऐसी दुआ कर…. . कि तेरी दुआ भी पूरी हो जाए और मेरी जिँदगी भी…..

Exit mobile version