सिर्फ चाकू-छुरों पर, बंदिश क्यों हैं जनाब; कुछ निगाहें भी तो, कातिल होती हैं!
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फिर एक दिन
फिर एक दिन ऐसा भी आया जिन्दगी में, की मैंने तेरा नाम सुनकर मुस्कुराना छोड़ दिया !!
यादों की किम्मत
यादों की किम्मत वो क्या जाने, जो ख़ुद यादों के मिटा दिए करते हैं, यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो, यादों के सहारे जिया करते हैं…
प्यार में वो हम को
प्यार में वो हम को बेपनाह कर गये, फिर ज़िनदगीं में हम को तन्नहा कर गये, चाहत थी उनके इश्क में फ़नाह होने की, पर वो लौट कर आने को,भी मना कर गये..
देखो ना चले जाना
देखो ना चले जाना कहीं कल की तरह तुम। लगती हो खूबसूरत ग़ज़ल की तरह तुम।
रखना हमेशा यूँ
रखना हमेशा यूँ ही अपने सिलसिले। तुझसे बिछड़के बुरा हाल हो जाएगा। तुझसे मिले बिना जो गुजरे एक पल। अपने लिए तो पूरा साल खो जाएगा।
काश तुम पूछो की
काश तुम पूछो की , मुझसे क्या चाहिये, मैं पकडू बस तेरा हाथ और कहूँ सिर्फ तेरा साथ चाहिये !!
बना दो वज़ीर
बना दो वज़ीर मुझे भी इश्क़ की दुनिया का दोसतों वादा है मेरा हर बेवफा को सजा ऐ मौत दूंगा…!!
आ जाओ तुम
आ जाओ तुम भी ज़माने की तरह सितम आजमाने के लिए। अब हमने दिल निकाल के रख दिया है चोट खाने के लिए।
तेरे साथ अपने
तेरे साथ अपने ज़ख्मों को सी लेते हैं हम। तुमसे मिलते हैं तो कुछ पल जी लेते हैं हम।