मेरे दराज़ में रक्खा है अब भी ख़त उसका, पुराना इश्क़, पुराना हिसाब हो जैसे…
Tag: प्यार
फितरत किसीकी यूँ
फितरत किसीकी यूँ ना आजमाया कर ए जिंदगी, हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है|
आँख से पानी बनकर
आँख से पानी बनकर निकल रहे हो,यकीनन तुम पत्थर ही थे।
सस्ता सा कोई इलाज़
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..! “एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं”….!!
मुझे सवाल नहीं
मुझे सवाल नहीं आते और उन्हें जवाब…. खामोश गुफ्तगू का मज़ा ही कुछ और है…..
आज समझ ले
आज समझ ले कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|
तू यहाँ मुसाफिर हैं
तू यहाँ मुसाफिर हैं, ये सरह फ़ानी है.. चार रोज़ की मेहमाँ तेरी जिंदगानी है.. जान, जमीं, जर जेवर कुछ न साथ जाएगा.. खाली हाथ आया हैं.. खाली हाथ जाएगा.. जान कर भी अनजाना बन रहा हैं दीवाने.. अपनी उमरेफनी पर तन रहा है दीवाने… इस कदर तू खोया हैं इस जहां के मेले में…… Continue reading तू यहाँ मुसाफिर हैं
कुछ कदम हम चले
कुछ कदम हम चले… कुद कदम तुम चले… फर्क सिर्फ इतना रहा, हम चले तो फासला घटता गया, और तुम चले तो फासला बढ़ता गया…
ख्वामखाह ही बदनाम है
ज़हर तो ख्वामखाह ही बदनाम है, नज़र घुमा कर देख लो, इस दुनिया में, शक्कर से मरने वालों की तादाद …….बेशुमार हैं !!
ना दिल से होता है
ना दिल से होता है, ना दिमाग से होता है, यह प्यार तो इत्तेफाक से होता है, पर प्यार करके प्यार ही मिले, ये इत्तेफाक किसी किसी के साथ होता है…