जिनके दिल पे लगती है चोट वो आँखों से नही रोते. जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते, मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है, की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते।।
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किश्तों में खुदकुशी
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी। इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता।।
निकल आते हैं
निकल आते हैं आंसू हंसते हंसते । ये किस गम की कसक है हर खुशी में।।
अच्छा हुआ कि
अच्छा हुआ कि तूने हमें तोड़ कर रख दिया। घमण्ड भी तो बहुत था हमें तेरे होने का।।
एक वजह ये भी है
मेरे अकेले रहने की एक वजह ये भी है, की मुझे झूठे लोगों से रिश्ता तोड़ने में देर नहीं लगती !!
ढूंढ़ते रहे सब
ढूंढ़ते रहे सब आसमानों पर चाँद को, वो सोया हुआ था मेरी बाँहों में रात भर..
वो क्या समझेगा
वो क्या समझेगा दिलों की नर्मियों को मेरे दोस्त.. चंद सिक्के चढ़ा कर जो खुदा के दर पर भी खुद को मग़रूर रखता है !
ज़ख्म देकर ना पूछा करो
ज़ख्म देकर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत; “दर्द तो दर्द ” होता है , थोड़ा क्या और ज्यादा क्या…!!
जान जब प्यारी थी
जान जब प्यारी थी…… तब दुश्मन हज़ार थे। अब मरने का शौक है….. तो कातिल नहीं मिलते ।
खुद ही मर जाऊँगा
खुद ही मर जाऊँगा वक्त आने पे, ए इश्क तू क्यूँ मेरा दुश्मन बना है !!