तुम एक बार

तुम एक बार पुछ लो की कैसा हुँ, घर में पडी सारी दवाइयाँ फेंक ना दू तो कहना…

हमने उसको वहाँ भी

हमने उसको वहाँ भी जाकर माँगा था,जहाँ लोग सिर्फ अपनी खुशियां मांगते है|

उंगली पकड़ के

उंगली पकड़ के जिसको दिखाया था रास्ता… मंज़िल मिली तो उसने अंगूठा दिखा दिया…

कभी आई तेरी याद

कभी आई तेरी याद माँ तो हम जी भर के रो लिये कभी जागे सारी रात तो कभी दिन मे ही सो लिए आन्सुओ से तुम्हारे न होने का गम मिटा रहा हू क्या बताऊ कैसे जिये जा रहा हूँ तुम्हरा दुलार बहुत याद आता है हर बार आँखो मे आँसू छोड़ जाता है|

एक धोखे से ही

एक धोखे से ही हिल जाती है जमीन ऐतबार की जिन्दगी तबाह करने के लिए भूकंप आए जरूरी नहीं|

इस इंतिज़ार में बैठे हैं

इस इंतिज़ार में बैठे हैं उन की महफ़िल में…!!! कि वो निगाह उठाएँ तो हम सलाम करें…!!

चलो ऐसा करते हैं

चलो ऐसा करते हैं तुम मोम बन जाओ मैं धागा बन जाऊं तुम मुझ में पिघल जाओ मैं तुम में जल जाऊं|

तुझसे ज्यादा तेरी याद

तुझसे ज्यादा तेरी याद को है मुझसे हमदर्दी देखती है मुझे तन्हा तो चली आती है…!!!

एक उम्र ग़ुज़ारी हैं

एक उम्र ग़ुज़ारी हैं हमने तुम्हारी ख़ामोशी पढते हुए, एक उम्र गुज़ार देंगे तुम्हें महसूस करते हुए|

आपको कुछ और सितम

आपको कुछ और सितम करने की ज़रूरत नहीं, तन्हा छोड़ दिया है तो अब हम ऐसे ही मर जाएँगे !!

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