तेरे सवाल पै चुप हैं, इसे गनीमत जान, कहीं जवाब न दे दें कि मैं नहीं सुनता।
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तेरे कूचे में
तेरे कूचे में सब पर फूल बरसे, मगर हम एक पत्थर को भी तरसे।
तेरी उम्मीद पै
तेरी उम्मीद पै जीने से हासिल कुछ नहीं लेकिन, मगर यूँ भी न दिल को आसरा देते तो क्या करते |
तुम्हारी बेरूखी ने
तुम्हारी बेरूखी ने लाज रख ली बादाखाने की , तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहा जाते।
तुमको खबर न हुई
तुमको खबर न हुई और जलके खाक हुआ, वह दिल जो तेरी मुहब्बत का आशियाना था।
गहराई हो जिनमें
गहराई हो जिनमें जमीनी, वही रिश्ते आसमानी होते हैं।
उसने चुपके से
उसने चुपके से मेरी आंखो पर हाथ रखकर पुछा बताओ कौन मै मुस्कुरा के धीरे से बोला मेरी ज़िन्दगी …
कुछ तुम कोरे कोरे से
कुछ तुम कोरे कोरे से, कुछ हम सादे सादे से…एक आसमां पर जैसे, दो चाँद आधे आधे से….!!!
बस यही सोचकर
बस यही सोचकर ज्यादा शिकवा नहीं किया मैंने, कि अपनी जगह हर कोई इंसान सही होता है…
सब्र रखते हैं
सब्र रखते हैं , बड़े ही सब्र से हम वरना ज़िंदगी जीना ….कोई आसां तो नहीं……!!