कोई कितना भी हिम्मत वाला क्युँ ना हो “साहिब”…
रुला ही देती है किसी खास “इंसान” की कमी कभी_कभी …………….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कोई कितना भी हिम्मत वाला क्युँ ना हो “साहिब”…
रुला ही देती है किसी खास “इंसान” की कमी कभी_कभी …………….