ना हम रोने में रहे
ना हम हंसने में रहे
कितना हसीन है मेरा वजूद
जिसमे कोई अपना ना रहा |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना हम रोने में रहे
ना हम हंसने में रहे
कितना हसीन है मेरा वजूद
जिसमे कोई अपना ना रहा |