by pyarishayri - Hindi, Hindi Shayri, Hindi Shayris, Love Shayri, Mosam Shayri, Shayari, Shayri, गुस्ताखियां शायरी, जिंदगी शायरी, दर्द शायरी, प्यार, प्यार शायरी, प्यारी शायरी, शायरी, हिंदी, हिंदी शायरी - November 12, 2016 घर में अखबार भी घर में अखबार भी अब किसी बुजुर्ग सा लगता है…. जरूरत किसी को नहीं जरूरी फिर भी है…