उम्र ज़ाया कर दी औरों के..वजूद में नुक़्स निकालते निकालते,
इतना खुद को तराशा होता, तो फ़रिश्ते हो जाते…
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उम्र ज़ाया कर दी औरों के..वजूद में नुक़्स निकालते निकालते,
इतना खुद को तराशा होता, तो फ़रिश्ते हो जाते…