मेरी दहलीज़ पर आ कर रुकी है
हवा_ऐ_मोहब्बत,
मेहमान नवाज़ी का शौक भी है
उजड़ जाने का खौफ भी…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
मेरी दहलीज़ पर आ कर रुकी है
हवा_ऐ_मोहब्बत,
मेहमान नवाज़ी का शौक भी है
उजड़ जाने का खौफ भी…!!!