ना आसूंओं से छलकते हैं ना कागज पर उतरते हैं..*
*दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस भीतर ही भीतर पलते है..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ना आसूंओं से छलकते हैं ना कागज पर उतरते हैं..*
*दर्द कुछ होते हैं ऐसे जो बस भीतर ही भीतर पलते है..