अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ …
पाबन्द कर गयीं हैं शायद, किसी की नज़रें मुझे !
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अब उठती नहीं हैं आँखें, किसी और की तरफ …
पाबन्द कर गयीं हैं शायद, किसी की नज़रें मुझे !