उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है…
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सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
उदास शामें, तनहा रातें, दिल की हालत अजीब है…
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सुनों… लौट आओ मेरे हमदम, दिसंबर करीब है…!!!