इस दुनिया मे

इस दुनिया मे कोई किसी का हमदर्द नहीं होता लाश को शमशान में रखकर अपने लोग ही पुछ्ते हे “और कितना वक़्त लगेगा”

सब कुछ पा लिया

सब कुछ पा लिया मैंने , पर वो तेरे मेंहदी लगे हाथ मेरे ना हो सके ।

नशा तो दरसल

नशा तो दरसल तुम्हारी बातों में था… हम खामखाँ ही सिगरेट जलाते रहे…!!!

पर्दा हटा लिया

हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो देखो …. गुज़रे जब करीब से तो चेहरे से पर्दा हटा लिया .

अजीब होते है

ये रिश्ते भी अजीब होते है बिना विश्वास के शुरू नही होते.. और बिना धोखे के खत्म नही होते!

बहुत खूब सूरत है

बहुत खूब सूरत है आखै तुम्हारी इन्हें बना दो किस्मत हमारी हमें नहीं चाहिये ज़माने की खुशियाँ अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी

इतनी लम्बी उम्र

इतनी लम्बी उम्र कि दुआ मत मांग मेरे लिए कहीं ऐसा न हो के तू भी छोड़ दे और मौत भी न आये..

तेरे अलावा मुझे

तेरे अलावा मुझे सिर्फ नींद से ही प्यार था। कमबख्त तेरे साथ रहने से वो भी अब बेवफाओ में शामिल हो गई…

ना जाने क्या

ना जाने क्या कहा डूबने वाले ने समंदर से … लहरे आज भी किनारे पर सर पटक रही है …

अच्छा है जो

अच्छा है जो परिन्दों का कोई मज़हब नही वर्ना आसमान की भी सरहदें होती..

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