बिछड़ के भी वो रोज मिलते है हमसे ख्वाबों में…. ये नींद न होती तो हम कब के मर गये होते….
Category: Shayri
बड़ी शौंकीन होती है।
गरीब़ी देखकर घर की कुछ ख़्वाहिश नहीं करतें… वरना उम्रें बच्चों की बड़ी शौंकीन होती है।
मैं मान जाऊँगा
मैं मान जाऊँगा, तुम तबियत से मनाओ तो सही। तुम्हे फ़र्क़ पड़ता है, ये बात अपने लहज़े में लाओ तो सही|
दर्द होता होगा
दर्द को भी दर्द होता होगा..!!! जब नाम-ऐ…इश्क़ आता होगा..!!!
जब इत्मीनान से
जब इत्मीनान से, खंगाला खुद को, थोड़ा मै मिला, और बहुत सारे तुम…
गुमान है अपने कद पर
ऐ समंदर! तुझे गुमान है अपने कद पर… मैं नन्हा सा परिंदा तेरे ऊपर से गुज़र जाता हूँ!
कौन शर्मा रहा है
कौन शर्मा रहा है यूं फुर्सत में हमें याद कर कर के, हिचकियाँ आना चाह रही हैं पर हिचकिचा रही हैं।
मत हो उदास
मत हो उदास इतना किसी के लिए….. . ए दिल किसी के लिए जान भी दे देगा तो लोग कहेंगे इसकी उम्र ही इतनी थी |
किताबों की तरह हैं
किताबों की तरह हैं हम भी…. अल्फ़ाज़ से भरपूर, मगर ख़ामोश…
आज भी मुझसे कहते है
कितने ऐबों से छुपा रखा है मेरे “रब” ने मुझे. लोग आज भी मुझसे कहते है, “हमारे लिए दुआ करना|