वक्त इशारा देता रहा

वक्त इशारा देता रहा और हम इत्तेफाक़ समझते रहे….. बस यूँ ही धोखे ख़ाते गए और इस्तेमाल होते रहे |

तस्वीर कहाँ तक देंखू

दिल गया तो कोई आँखे भी ले जाता फकत एक ही तस्वीर कहाँ तक देंखू |

धूप में निकलो

धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो|

जिन के आँगन में

जिन के आँगन में अमीरी का शजर लगता है उन का हर ऐब ज़माने को हुनर लगता है|

इधर तड़प है

इधर तड़प है कि वो साथ नहीं, उधर वो कहते हैं, कोई बात नहीं…

रौनक हो तुम मेरी

रौनक हो तुम मेरी जिंदगी की… जब भी देखता हूँ चेहरे पर मुस्कान अपने आप आ जाती है…

मशहूर होने का

मशहूर होने का शौक किसे है अपने ही ठीक से पहचान लें काफी है!

इस दौर में

इस दौर में इंसानो का चेहरा नही मिलता… मैं कब से नकाबों की तहें खोल रहा हूँ…

ज्यादा ख्वाहिशें नही

ज्यादा ख्वाहिशें नही ऐ ज़िंदगी तुझसे, बस़ ज़िंदगी का अगला लम्हा पिछले से थोड़ा बेहरतीन हो…

दिल का दर्द

दिल का दर्द जब , जख्म बन जाता है… तो, क़तरा भी समंदर बन जाता है!

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