जिन्दगी की उलझनों ने कम कर दी हमारी शरारते और लोग समझते हैं कि हम समझदार हो गये।
Category: Hindi Shayris
अपनी उल्झन में ही
अपनी उल्झन में ही अपनी… मुश्किलों के हल मिले, जैसे टेढ़ी मेढ़ी शाखों पर भी.. रसीले फल मिले, उसके खारेपन में भी कोई तो.. कशिश होगी ज़रूर…. वरना क्यूँ सागर से यूँ… जा जा के गंगाजल मिले..
उन पे तूफान को भी
उन पे तूफान को भी अफ़सोस हुआ करता है, वो सफिने जो किनारों पे उलट जाते हैं |
जब भी तन्हाई से
जब भी तन्हाई से घबरा के सिमट जाते हैं, हम तेरी याद के दामन से लिपट जाते हैं|
चेहरे पे लिखी दास्तान
वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का|
ये भी क्या एहसान कम है
ये भी क्या एहसान कम है देखिये न आप का, हो रहा है हर तरफ़ चर्चा हमारा आप का |
दर्द-ऐ-दिल के नाम से
तुम्ही अब दर्द-ऐ-दिल के नाम से घबराए जाते हो, तुम्ही तो दिल में शायद आए थे दर्द-ऐ-आशियाँ हो कर|
ज़िंदगी क्या है
ज़िंदगी क्या है जानने के लिये ज़िंदा रहना बहुत जरुरी है आज तक कोई भी रहा तो नही सारी वादी उदास बैठी है मौसमे गुल ने खुदकशी कर ली किसने बरुद बोया बागो मे आओ हम सब पहन ले आइने सारे देखेंगे अपना ही चेहरा सारे हसीन लगेंगे यहाँ है नही जो दिखाई देता है… Continue reading ज़िंदगी क्या है
ज़रा बता दो
ज़रा बता दो हमें की वो पत्थर कहा मिलेगा… जिसे दिल पे रख कर लोग आसानी से भूल जाते है..!!
उसने हाथो से
उसने हाथो से छू कर दरिया के पानी को गुलाबी कर दिया, हमारी बात तो और थी उसने मछलियों को भी शराबी कर दिया….