सच मानते थे

यही सोच कर उसकी हर बात को सच मानते थे के इतने खुबसूरत होंठ झूठ कैसे बोलेंगे

सर्टिफिकेट देती है

20 साल की पढाई के बाद यूनिवर्सिटी यह जो डिग्री मिलने का सर्टिफिकेट देती है ना.. यह नोकरी मिलने का सर्टिफिकेट नहीं बल्कि ठोकरे खाने का सर्टिफिकेट है…

मतलबी सा बंदा हूँ

न हवस उसके जिस्म की, न शौक उसकी लज़्ज़त का, बिन मतलबी सा बंदा हूँ, उसकी सादगी पे मरता हूँ…..!!!

सौदेबाज़ी करते हैं।

दोस्ती तो बच्चे ही कर सकते हैं, बड़े तो समझौते और सौदेबाज़ी करते हैं।

इश्क़ ही काफी है

दिल एक हो तो कई बार क्यों लगाया जाये; बस एक इश्क़ ही काफी है अगर निभाया जाये।

तेरा दिलकश अंदाज़

बड़ा है लाजवाब, तेरा दिलकश अंदाज़, और मुझको कर दे बर्बाद. वाह क्या बात है!

કોઈ અસર નથી

છે આ શરીરની હાજરી ત્યાં સુધી લાગણી વરસાવી દે . . . પછી તસ્વીરને લાગણી ની કોઈ અસર નથી હોતી..

उस खुशी का

उस खुशी का हिसाब कैसे हो… तुम जो पूछ लो “जनाब कैसे हो””

जरा सँभलकर चलना

मिज़ाज बदलते रहते हैं हर पल लोगों के यहाँ ये मिज़ाजों का शहर है जरा सँभलकर चलना

समझ रहा हुँ

खामोश रहता हुँ क्योकि अभी दुनिया को समझ रहा हुँ! समय जरूर लुगाँ पर जिस दिन दाव खेलुँगा उस दिन खिलाङी भी मेरे होगे और खेल भी मेरा !!!

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