ज़िंदगी मुख्तसर ही मिली थी हमे, हम ही हसरते बेशुमार कर बैठे..
Category: हिंदी
तुम आसमां की बुलंदी से
तुम आसमां की बुलंदी से जल्द लौट आना… मुझे जमीन की हकीकत पे बात करनी है तुमसे|
तेरी निगाह में होते
तेरी निगाह में होते,, तो आसमाँ होते… भटकते फिरते हैं हम,, आज बादलों की तरह.!!
कहे जख्मी दिल
कहे जख्मी दिल आघात अब कोई सह न सकूँगा रोने का हिम्मत नही ना ही मुस्करा सकूँगा ना ही घावो को भर सकूँगा आघात अब न देना कोई सह न सकूँगा।
कभी कभी यूं किया करो..!
तुम कभी कभी यूं किया करो..! छोड़ो मेरी शायरी , दिल पढ़ लिया करो..!!
जिन्दगी की उलझनों ने
जिन्दगी की उलझनों ने कम कर दी हमारी शरारते और लोग समझते हैं कि हम समझदार हो गये।
अपनी उल्झन में ही
अपनी उल्झन में ही अपनी… मुश्किलों के हल मिले, जैसे टेढ़ी मेढ़ी शाखों पर भी.. रसीले फल मिले, उसके खारेपन में भी कोई तो.. कशिश होगी ज़रूर…. वरना क्यूँ सागर से यूँ… जा जा के गंगाजल मिले..
उन पे तूफान को भी
उन पे तूफान को भी अफ़सोस हुआ करता है, वो सफिने जो किनारों पे उलट जाते हैं |
जब भी तन्हाई से
जब भी तन्हाई से घबरा के सिमट जाते हैं, हम तेरी याद के दामन से लिपट जाते हैं|
चेहरे पे लिखी दास्तान
वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का|