यकीन कर लो भूख मजहब से बड़ी होती है, तवायफ अपने खरीददार का मजहब नहीं देखती…!!
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लोग कहते है
लोग कहते है कि आदमी को अमीर होना चाहिए.. और हम कहते है कि आदमी का जमीर होना चाहिए……..
अगर पाना है
अगर पाना है मंझिल तो अपना रहनुमा खुद बनो, वो अक्सर भटक जाते है जिन्हें सहारा मिल जाता|
बड़े बदनसीब ठहरे
बड़े बदनसीब ठहरे हम, जो क़रार तक ना पहुँचे,,,,दर-ए-यार तक तो पहुँचे, दिल-ए-यार तक ना पहुँचे|
तुम कभी मेरे साथ
तुम कभी मेरे साथ…आसमां तक चलो. . मुझे इस चाँद का…गुरूर तोड़ना है….!
आँखे भिगोने लगी है
आँखे भिगोने लगी है अब यादे भी तेरी , काश तुम अजनबी ही होते तो अच्छा होता|
तेरे इश्क़ का सुरूर
तेरे इश्क़ का सुरूर था जो खुद को बरबाद कर दिया…!! वरना एक वक्त था जब दुनियां मेरी भी रंगीन थी…!!
काश के कभी तुम
काश के कभी तुम समझ जाओ मेरी चाहत की इन्तहा को, हैरान रह जाओगे तुम अपनी खुश-नसबी पर..
शीशे की अदालत
शीशे की अदालत में पत्थर की गवाही है कातिल ही मुहाफिज है कातिल ही सिपाही है|
ऐ समन्दर मैं
ऐ समन्दर मैं तुझसे वाकिफ हूं मगर इतना बताता हूं, वो आंखें तुझसे ज्यादा गहरी हैं जिनका मैं आशिक हूं..