न किसी हमसफ़र ना हमनशीं से निकलेगा, हमारे पाँव का काँटा, हमीं से निकलेगा!
Category: शायरी
बेबस सी ऑंखें
बेबस सी ऑंखें ढूंढ रही है तुमको.. काश कि इस दुनिया में तुम ही तुम होते |
वो मेरी न हुई
वो मेरी न हुई तो ईसमेँ हैरत की कोई बात नहीँ क्योँकि शेर से… दिल लगाये बकरी की ईतनी औकात नही….!!
गंगा का पानी
गंगा का पानी छिड़क दो मेरे __”ख़त”__ पर। भटकती हुई रूह है उसमें मेरे अल्फ़ाज़ों की।।
जिंदगी किस्मत से
जिंदगी किस्मत से चलती है दोस्तों, दिमाग से चलती तो अकबर की जगह बीरबल बादशाह होता !!
सोचा भी न था
सोचा भी न था ऐसे लम्हों का सामना होगा मंजिल तो सामने होगी पर रास्ता न होगा !!
वक़्त सबको मिलता है
वक़्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिये, पर जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक़्त बदलने के लिये।
किसी और से
जाओ तुम किसी और से इश्क कर लो … मुझे तो अमीर होने में थोडा वक्त लग जायेगा..
इस ज़मीं पर
इस ज़मीं पर तू खूब गा ले नदी फिर समंदर में डूब जाना है|
लफ्ज़ बीमार से
लफ्ज़ बीमार से पड़ गये है आज कल….. एक खुराक तेरे दीदार की चाहिए|