यहीं कहीं मुझे

किसी हर्फ़ के पीछे, किसी लफ्ज़ के नीचे, मुझे यकीं है, तू मिलेगी तो यहीं कहीं मुझे ।

माचिस की तीलियों से थे

हम भी माचिस की तीलियों से थे…. जो भी हुआ सिर्फ़ एक बार हुआ….

हवा बन कर बिखरने से​

हवा बन कर बिखरने से; उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है; मेरे जीने या मरने से; उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है; उसे तो अपनी खुशियों से; ज़रा भी फुर्सत नहीं मिलती; मेरे ग़म के उभरने से; उसे क्या फ़र्क़ पड़ता है; उस शख्स की यादों में; मैं चाहे रोते रहूँ लेकिन; मेरे ऐसा करने से; उसे… Continue reading हवा बन कर बिखरने से​

फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं

फ़क़ीर मिज़ाज़ हूँ मैं ,अपना अंदाज़ औरों से जुदा रखता हूँ… लोग मंदिर मस्जिदों में जाते है , मैं अपने दिल में ख़ुदा रखता हूँ…

जिसकी भी कसम खाई

बडी ही शातिर दिमाग थी वो लडकी कसम से,. जिसकी भी कसम खाई थी सब मरे हुऐ निकले!

एक मुकाम तक ले जाती है

एक मुकाम तक ले जाती है आगे दीवानगी रास्ता दिखलाती है|

टूटने के बाद भी

टूटने के बाद भी बस तेरे लिए धड़कता है, लगता है दिमाग ख़राब हो गया है मेरे दिल का..

आधा ही सही

आधा ही सही, मगर मुझको पुरा कर दे, वो एहसास है तु..

सौं ख्वाबो को पाला है

सौं-सौं ख्वाबो को पाला है… आंखो की औकात तो देखो ..

मेरे कंधे पर बैठा

मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा जब मेरे कंधे पे खड़ा हो गया मुझी से कहने लगा “देखो पापा में तुमसे बड़ा हो गया” मैंने कहा “बेटा इस खूबसूरत ग़लतफहमी में भले ही जकडे रहना मगर मेरा हाथ पकडे रखना” “जिस दिन येह हाथ छूट जाएगा बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जाएगा” “दुनिया वास्तव… Continue reading मेरे कंधे पर बैठा

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