देख के दुनिया को हम भी बदलेंगे अपने मिज़ाज ए ज़िन्दगी …. राब्ता सबसे होगा वास्ता किसी से नहीं
Category: शायरी
हर बात मानी है
हर बात मानी है सर झुकाकर तेरी ए ज़िन्दगी …. हिसाब बराबर कर तू भी तो कुछ शर्ते मान मेरी…
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को
ऐ जिन्दगी तेरे जज्बे को सलाम… मंजिल पता है के मौत है फिर भी दौड रही है….।।
किस किस को लूटा है
जाने किस किस को लूटा है इस चोर ने मसीहा बनकर, के आओ सब मिलकर इश्क पे मुकदमा कर दें…
हम आज भी नही रखते
नाराजगी चाहे कितनी भी क्यो न हो तुमसे तुम्हें छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नही रखते |
एक मैं हूँ
एक मैं हूँ , किया ना कभी सवाल कोई, एक तुम हो , जिसका कोई नहीं जवाब.
फलसफा सीखना है
फलसफा सीखना है ज़िंदगी का उन परिंदों से, जो कूड़े में पड़ा गेंहू का दाना ढूंढ लेते हैं।।
कौन कहता है
कौन कहता है ,आंसुओं में वजन नहीं होता एक आंसू भी छलक जाता है तो मन हल्का हो जाता |
मुस्कुरा देता हूं
मुस्कुरा देता हूं अक्सर देख कर पुराने खत तेरे.. तु झुठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी…!!
क्या हो जब इश्क
क्या हो जब इश्क अकेलेपन से हो जाए.. साथ होना किसी का या ना होना इक सी बात हो जाए..!!