कभी मतलब के लिए

कभी मतलब के लिए तो कभी दिल्लगी के लिए…!! हर कोई मोहब्बत ढूंढ रहा है यहाँ अपनी ज़िन्दगी के लिए…!!

तुमने तो फिर भी

तुमने तो फिर भी सीख लिया नसीहतें देना.. हम कुछ न कर सके, मोहब्बत के सिवा.. !!

तोड़ कर जोड़ ले

तोड़ कर जोड़ ले चाहे कोई भी चीज़ दुनिया की, हर चीज़ काबिले-मरम्मत है एतबार के सिवा!!!

खामोशियाँ यूँ ही

खामोशियाँ यूँ ही बेवजह नहीं होतीं… कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करते हैं…

शमा भी जल कर

शमा भी जल कर बुझ गई रात ढ़ले , फिर भी सोच रहे मोहब्बत क्या है|

जो जहर हलाहल है

जो जहर हलाहल है वो ही अमृत है नादान, मालूम नही तुझको अंदाज है पीने के ।

वो जो चेहरे पे

वो जो चेहरे पे लिखी दास्तान ना पढ़पाया,फ़ायदा नहीं कुछ उसको हाल-ए-दिल सुनाने का |

सोचता हूँ धोखे से

सोचता हूँ धोखे से जहर दे दूँ, सारी ख्वाहिशो को दावत पे बुला कर।।

तुम एक बार पुछ लो

सुनो ! तुम एक बार पुछ लो की कैसा हुँ, घर में पडी सारी दवाइयाँ फेंक ना दू तो कहना..

हमने उसको वहाँ भी

हमने उसको वहाँ भी जाकर माँगा था,जहाँ लोग सिर्फ अपनी खुशियां मांगते है|

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