दर्द की बिसात है

दर्द की बिसात है, मैं तो बस प्यादा हूँ, एक तरफ ज़िन्दगी को शय है, एक तरफ मौत को भी मात है।

तुम तो लफ़्ज़ों को

तुम तो लफ़्ज़ों को यूँ जोड़ कर उन्हें शायरी कह देते हो, मैने तो सुना था कि कुछ टूटे तो शायर बनता है… !!

अंजान अगर हो तो

अंजान अगर हो तो गुज़र क्यूँ नहीं जाते पहचान रहे हो तो ठहर क्यूँ नहीं जाते|

अजीब क़र्ब है

अजीब क़र्ब है दिल से जुदा नही होता । तिरा वजूद क्यों मुझमे फ़ना नही होता है । बस एक तू ही हमारा ना हो सका जाना । वग़रना होने को दुनिया में क्या नही होता ।

चंद साँसें बची हैं

चंद साँसें बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो, झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो, ज़िन्दगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो, मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।

क्या कुछ नहीं करता

क्या कुछ नहीं करता इंसान इसे संवारने के लिए फिर भी साथ छोड़ देती है बड़ी बेवफा ज़िंदगी है..!!

अपनी तस्वीर बनाओगे

अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास कितना दुश्वार है ख़ुद को कोई चेहरा देना|

हर कोई ज़ुबान वाला है

हर कोई ज़ुबान वाला है मगर वो ज़ुबान नहीं रखता, अपने अंदर सादगी और दूसरों के लिए दुआ नहीं रखता, काट कर मैं रख चुका हूँ अपने दिल को उसके कदमों में, मगर वो बे-गैरत मेरे लहू के भी निशान नहीं रखता..!!

अगर सोचूं तो

अगर सोचूं तो फिर पाऊं ना खुद को… वह इक लम्हा… मैं जिसमें खो गया था…

हमारे बाद अंधेरा रहेगा

हमारे बाद अंधेरा रहेगा महफ़िल में बहुत चराग़ जलाओगे रौशनी के लिए|

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