हे भगवान, मुझे उन बातों को स्वीकार करने का धैर्य प्रदान करो जिन्हें मैं बदल नहीं सकता हूं; जिन चीजों को मैं बदल सकता हूं उनको बदलने का साहस दो तथा इन दोनों में अंतर करने के लिए बुद्धि प्रदान करो।
Category: वक़्त शायरी
Chale Gaye
Behtar Dinon Ki Aas Lagate Hue Habib Hum Behtareen Din Bhi Ganwaty Chale Gaye…
Aisa Bhi Nahi
Aik Muddat Se Teri Yaad Bhi Na Aai Humain Aur Hum Bhool Gaye Hon Tujhe Aisa Bhi Nahi…
Sath Bhi Akela Hun
Tum mere baad ho jaogi tanha sayad, Magar Mai to tumhare sath bhi akela hun
कोई रूठे ना
कोशिश यही रहती है कि हमसे कभी कोई रूठे ना, मगर नजर अंदाज करने वालो से हम नजर नहीं मिलाते…!!!!
तैरती पत्ती से
कई बार नदी पर तैरती पत्ती से भी हो सकता है प्रेम, कई बार प्रेम ही होता है, जो पत्ती को डूबने नहीं देता..!!
बरसों से खामोश हूं.
लोग कहते हैं कि समझो तो..खामोशियां भी बोलती हैं..! मै बरसों से खामोश हूं..और वो बरसों से बेखबर है..!!
सब सो गये
सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..
इंसान बनाया जाए
अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए..
जिन्दगी की अच्छी चीजें
कहीं ऐसा ना हो कि जिन्दगी की अच्छी चीजें, आपकी जिन्दगी की सबसे अच्छी चीज को ख़त्म कर दे..