उनकी जब मर्जी होती है वो हमसे बात करते है हमारा पागलपन तो देखिये हम पूरा दिन उनकी मर्जी का इंतज़ार करते हैं…
Category: व्यंग्यशायरी
तुम बदले तो
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी हम बदले तो बेवफ़ा हो गए|
दिल भर ही गया
दिल भर ही गया है तो, मना करने मे डर कैसा… मोहब्बत मे बेवफओ पर, कोई मुकदमा थोडे होता है…
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही दरवाजे पर इंतज़ार करती हैं, तेरी यादें आज भी हमें उतना ही प्यार करती हैं।
हमारे दिल में
हमारे दिल में छूपे नफरत के अंगारो को ओर हवा ना दे । वरना तू इस आग मे जलकर राख हो जायेगी।।
किसी की खातिर
किसी की खातिर मोहब्बत की इन्तहा कर दो लेकिन इतना भी नहीं कि उसको खुदा कर दो मत चाहो किसी को टूट कर इस कदर कि अपनी ही वफाओं से उसको बेवफा कर दो।
जाना पहचाना सा है
जाना पहचाना सा है कोई शख्स मेरे दिल में अनजान बन के रहता है ।
हमारी चर्चा छोडो
हमारी चर्चा छोडो दोस्तों, हम ऐसे लोग है जिन्हें, नफरत कुछ नहीं कहती,और मोहब्बत मार डालती है..
सच कहा था
सच कहा था किसी ने तन्हाईयों में जीना सीख लो; मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है|
इश्क़ अदब है
इश्क़ अदब है तो अपने आप आए गर सबक़ है तो फिर पढ़ा मुझ को|