झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे

झूठ ‪‎बोलते‬ थे कितना,फिर भी ‪‎सच्चे‬ थे हम.. ये उन ‪‎दिनों‬ की बात है,जब ‪‎बच्चे‬ थे हम…!!

न सफारी में नज़र आयी और न ही फरारी में

न सफारी में नज़र आयी और न ही फरारी मेँ…… जो खुशी बचपन मेँ साइकिल की सवारी में नज़र आयी।

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