हवा के दोश पे

हवा के दोश पे रक्खे हुए चराग़ हैं हम.. जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी…!!!

रिश्ता निभाना मुश्किल

रिश्ता निभाना मुश्किल नहीं, बस थोड़ी सी वफ़ा चाहिए|

उठो तो ऐसे उठो

उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी..!! झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे..!!!

इतनी कमियाँ निकाली

एक एक कर इतनी कमियाँ निकाली लोगो ने मुझमें की ……अब सिर्फ खूबियाँ ही रह गयी है मुझमें |

बहुत अहसान है

बहुत अहसान है हम पर तुम्हारे,एक और कर देते होकर हमारे |

सिर्फ एक रूह बची है

सिर्फ एक रूह बची है,ले जा सकते हो तो ले जाओ..! बाकी सब कुछ तेरे इश्क़ में हम हार बैठे है|

बयाँ कैसे करूँ

बयाँ कैसे करूँ में अपने उजड़ने की दास्ताँ,आज भी फ़िक्र ने तेरी मुझे बेजुबां बना दिया|

माना उन तक पहुंचती नहीं

माना उन तक पहुंचती नहीं तपिश हमारी, मतलब ये तो नहीं कि, सुलगते नहीं हैं हम…

मोहब्बत करने का

चल यारा..मोहब्बत करने का हुनर सिखाता हूँ.. इश्क तुम शुरू करो निभाकर मैं दिखाता हूँ…!!

आजकल महंगे लिबासों में

आजकल महंगे लिबासों में घटिया लोग.. और घटिया लिबासों में महंगे लोग पाये जाते हैं

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