नज़र को नज़र की

नज़र को नज़र की खबर ना लगे, कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे, आपको देखा है बस उस नज़र से, जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे..!!

बस बरसात रह गयी…

ना इश्क़, ना वादा, ना मंज़िलें, ना शोहरतें… इस साल भी बरसात बस बरसात रह गयी…।।

फितरत किसीकी यूँ

फितरत किसीकी यूँ ना आजमाया कर ए जिंदगी, हर शख्स अपनी हद में लाजवाब होता है|

आँख से पानी बनकर

आँख से पानी बनकर निकल रहे हो,यकीनन तुम पत्थर ही थे।

सस्ता सा कोई इलाज़

सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..! “एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं”….!!

मुझे सवाल नहीं

मुझे सवाल नहीं आते और उन्हें जवाब…. खामोश गुफ्तगू का मज़ा ही कुछ और है…..

आज समझ ले

आज समझ ले कल ये मौका हाथ ना तेरे आएगा ओ गफलत की नींद में सोने वाले कल पछतायेगा चढ़ता सूरज धीरे धीरे ढलता है ढल जायेगा|

तू यहाँ मुसाफिर हैं

तू यहाँ मुसाफिर हैं, ये सरह फ़ानी है.. चार रोज़ की मेहमाँ तेरी जिंदगानी है.. जान, जमीं, जर जेवर कुछ न साथ जाएगा.. खाली हाथ आया हैं.. खाली हाथ जाएगा.. जान कर भी अनजाना बन रहा हैं दीवाने.. अपनी उमरेफनी पर तन रहा है दीवाने… इस कदर तू खोया हैं इस जहां के मेले में…… Continue reading तू यहाँ मुसाफिर हैं

कुछ कदम हम चले

कुछ कदम हम चले… कुद कदम तुम चले… फर्क सिर्फ इतना रहा, हम चले तो फासला घटता गया, और तुम चले तो फासला बढ़ता गया…

ख्वामखाह ही बदनाम है

ज़हर तो ख्वामखाह ही बदनाम है, नज़र घुमा कर देख लो, इस दुनिया में, शक्कर से मरने वालों की तादाद …….बेशुमार हैं !!

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