जब देखने वाला कोई नहीं बुझ जाओ तो क्या जल जाओ तो क्या |
Category: प्यार शायरी
तुझको हुई ना खबर
तुझको हुई ना खबर, न ज़माना समझ सका हम चुपके चुपके तुझ पे यूँ कई बार मर गये|
कभी चिरागों कें बहानें
कभी चिरागों कें बहानें मिल जाया करती थी हसरतों को मंजिलें आज रौंशनी हैं गजब की मगर साया ही नजर नही आता कोई|
उसने कहा हमसे
उसने कहा हमसे.. हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे… हमने मुस्कुरा के पूछा… क्या तुम भी मोहब्बत करोगे अब हमसे..?
बदल जाते है
बदल जाते है वो लोग वक़्त की तरह, जिन्हें हद से ज़्यादा वक़्त दे दिया जाये…
मैं जल्द ही
मैं जल्द ही आऊंगा सावन की घटा बनकर तुम मौसम ए गर्मा की कुछ प्यास बचा रखना|
यूँ तो हैरान गुनाहों पे
यूँ तो हैरान गुनाहों पे ज़माना है मगर जुर्म ऐसा भी कोई हो कि ख़ुदा चौंक पड़े|
जाने वाला देखिये
जाने वाला देखिये क्या क्या निशानी दे गया आख में आंसू दिए लब पर कहानी दे गया|
तारीफ़ अपने आप की
तारीफ़ अपने आप की, करना फ़िज़ूल है… ख़ुशबू तो ख़ुद बताएगी, कौन सा फ़ूल है…
उसने कहा हमसे
उसने कहा हमसे.. हम तुम्हें बर्बाद कर देंगे… हमने मुस्कुरा के पूछा… क्या तुम भी मोहब्बत करोगे अब हमसे..?