पैरों में तजुर्बों के निशानात

पैरों में तजुर्बों के निशानात पड़ गए… वो ठोकरें लगी हैं के पत्थर उखड़ गए…

समझदार हो गए है

लोग अब समझदार हो गए है…. हैसियत देख कर साथ निभाते है।

मुद्दतों बात किसी ने

मुद्दतों बात किसीने पूछा कहा रहते हो हमने मुस्कुरा के कहा अपनी औकात में |

ना चाहते हुए भी

ना चाहते हुए भी साथ छोड़ना पड़ता हे, ” जिंदगी में कुछ मजबूरिया ” ” मोहब्बत ” से ज्यादा ताकतवर होती हे !!

हम जा रहे हैं

हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की क़दर हो… बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए ||

दुनिया के रैन बसेरे में

दुनिया के रैन बसेरे में पता नहीं कितने दिन रहना है.. जीत लो लोगों के दिलों को ,बस यही जीवन का गहना है…

मेरी मौत पर

मेरी मौत पर भी उसके आखौं में आसुं न थे उसे शक था कि मुझ में अब भी जान बाकि है..

उसकी गली का सफर

उसकी गली का सफर आज भी याद है मुझे………. साहेबान…….. मैं कोई वैज्ञानिक नही था पर मेरी “खोज” लाजवाब थी

ख़त की ख़ुश्बू

ख़त की ख़ुश्बू बता रही थी, लिखते हुए उसके जुल्फे खुली थी..!!

किसी को याद करने की

किसी को याद करने की,वजह नहीं होती हर बार… जो सुकून देते हैं वो,जहन में ही जिया करते हैं|

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