आज अपनी फालतू चीजें बेच रहा हूँ मैं..!है कोई ऐसा जिसे मेरी शराफत चाहिए..।।
Category: दर्द शायरी
सिर्फ तूने ही कभी मुझको
सिर्फ तूने ही कभी मुझको अपना न समझा ,जमाना तो आज भी मुझे तेरा दीवाना कहता है.
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी
कितना मुश्किल है ज़िन्दगी का ये सफ़र; खुदा ने मरना हराम किया, लोगों ने जीना!
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक
जरा देखो तो ये दरवाजे पर दस्तक किसने दी है? अगर ‘इश्क’ हो तो कहना, अब दिल यहाँ नही रहता.
जिन्दगी में मंजिले तो मिल ही जाती हैं
जिन्दगी में मंजिले तो मिल ही जाती हैं ,बस वो लोग नहीं मिलते जिन्हें इस दिल ने चाहा हो .
देख कर उसको तेरा
देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना, नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी.
दर्द रगड़ना पड़ता है
दर्द रगड़ना पड़ता है चिंगारी होने तक, एक शायर टूट जाता है शायरी होने तक..
तू अपने ग़रीब होने का
तू अपने ग़रीब होने का दावा न कर, ऐ दोस्त, हमने देखा है तुझे बाज़ार में “तुवर की दाल” खरीदते हुए…
ख़ामोशी से भी
ख़ामोशी से भी नेक काम होते हैं… मैंने देखा है पेड़ों को छाँव देते हुए…
मैं फिर से
मैं फिर से, ठीक तेरे जैसे की तलाश में हूँ…. गलती कर रहा हूँ…लेकिन होशो हवास में हूँ …!!!