सब सो गये

सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो..

इंसान बनाया जाए

अब तो मजहब कोई ऐसा चलाया जाए, जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए..

हम तो लिख देते

हम तो लिख देते हैं जो भी ज़हन में आता है, दिल को छू जाए तो इत्तफाक ही समझिए……!!

एहसास होता हैं

चलती रेल में खिड़की के पास बैठकर एहसास होता हैं, मानों जो जितना करीब हैं, वो तेज़ी से दूर जा रहे है..!!!

अभी तो बहुत दूर

अभी तो बहुत दूर तक जाना है कई रिश्तों को भुलाना है मेरी मंजिल है बहुत दूर क्योंकि मुझे तो अलग पहचान बनाना है ।

याद आते हो

मोहब्बत में हिसाब ओ किताब कौन करे, .. तुम याद आते हो और बेहिसाब आते हो ।

तेरा प्यार पाने तक

मेरी चाहत सिर्फ तेरा प्यार पाने तक नहीं..!! मेरी ख्वाहिश तेरे साथ जन्नत जाने की है

पसन्द किया जाता

पसन्द करके प्यार नही किया जाता है …? ?प्यार करके पसन्द किया जाता

जिंदगी चाहिए

पता है … लाश पानी में क्यों तैरती हैं …?? क्योंकि डुबने के लिए जिंदगी चाहिए

ये क्यों कहे

ये क्यों कहे दिन आजकल अपने खराब हैं, काटों से घिर गये हैं, समझ लो गुलाब हैं।

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