जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं

जिम्मेदारियां मजबूर कर देती हैं अपना शहर छोड़ने को, वरना कौन अपनी गली मे जीना नहीं चाहता….. हसरतें आज भी खत लिखती हैं मुझे, पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता ।।

ये मत सोचो तुम छोङ दोगे

ये मत सोचो तुम छोङ दोगे तो हम मर जायेँगे ,वो भी जी रहे है जिनको तेरी खातिर हमने छोङा था .

तुमने मजबूर किया

तुमने मजबूर किया हम मजबूर हो गये ,तुम बेवफा निकले हम मशहूर हो गये .

हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला

हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई.

देखा आज मैने रास्ते पर

देखा आज मैने रास्ते पर बिखरा हुआ सुख जो दौलत का था दुख जो औरत का था रास्ते पर खड़ी हुई सोचती ये रह गई किस कदर गिर गया इंसान जो कुदरत का था

समय खुद सुधारना पड़ता है.

घड़ी सुधारने वाले मिल जाते हैं, समय खुद सुधारना पड़ता है.

ख़ुशी के आंसू

हज़ारों मिठाइयाँ . . चखी हैं जमाने में . . . ख़ुशी के आंसू से . . मीठा कुछ भी नहीं ।।

शरीर की शुगर

इंसान अपने शरीर की शुगर… तो चेक करवाता रहता है… अगर ज़ुबान की कड़वाहट को चेक कराये.. तो सारी समस्या खतम !!! ?

इंसानियत दिल मे होती है

इंसानियत दिल मे होती है हैसियत मे नही, उपरवाला कर्म देखता है वसीयत को नही । ?

कमी नहीं हैं

सुनने की आदत डालो क्योंकि ताने मारने वालों की कमी नहीं हैं। मुस्कराने की आदत डालो क्योंकि रुलाने वालों की कमी नहीं हैं ऊपर उठने की आदतडालो क्योंकि टांग खींचने वालों की कमी नहीं है… प्रोत्साहित करने की आदत डालो क्योंकि हतोत्साहित करने वालों की कमी नहीं है —- !!

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